भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"म्हारी कविता 1 / रामस्वरूप किसान" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामस्वरूप किसान |संग्रह=आ बैठ बात करां / रामस्व…) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=आ बैठ बात करां / रामस्वरूप किसान | |संग्रह=आ बैठ बात करां / रामस्वरूप किसान | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatRajasthaniRachna}} | |
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
<Poem> | <Poem> | ||
− | |||
थारी प्रीत सूं | थारी प्रीत सूं | ||
बडी कोनी म्हारी कविता | बडी कोनी म्हारी कविता | ||
पंक्ति 17: | पंक्ति 16: | ||
कीरच ई तो है | कीरच ई तो है | ||
म्हारी कविता। | म्हारी कविता। | ||
− | |||
</Poem> | </Poem> |
13:08, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
थारी प्रीत सूं
बडी कोनी म्हारी कविता
थारी-म्हारी
गुरबत रै बगत
सबदां री
बची-खुची
कीरच ई तो है
म्हारी कविता।