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यहां न कोई बैक डोर,
यहां न कोई शॉर्ट कट!
 
आओ पुल पर चलें
 
आओ, पुल पर चलें
वहीं से देख पाएंगे
टुनटुनिया पहाड़,
पत्थरों की संगीत-सभा,
पीछे मुड़ देखेंगे पूरा शहर एक साथ,
सामने बांदा का किला,
पुल पार ऊंचे एक टीले पर जुटे
मटमैले बच्चों से घर-
परस्पर सहारे पर टिके हुए,
धरे एक-दूसरे के कंधे पर खपरैली सिर
घाटी में झांकता हुआ गांव,
निर्वसन, श्यामा नदी केन
चुपचाप लेटी है बेखबर
आओ, पुल पर चलें।
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