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Kavita Kosh से
— धरती का रंग है यह
— अपनी तलवार को बदल डालो फाल में
— तुमने ज़रा भी तो ज़मीन नहीं छोदईछोड़ी
— तुम एक अपराधी हो !
— मैंने किसी को मारा नहीं, हत्या नहीं की कभी,