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ये पत्तियों पे जो शबनम हर एक जानवर की रिहाई का हार रक्खा हैफ़ैसलान जाने किसने गले से उतार रक्खा हैहैरान हूँ मैं सुन के कसाई का फ़ैसला
उस एक उजले सवेरे के वास्ते कब सेआया है शह्र भर की भलाई का फ़ैसलाअँधेरी रात ने दामन पसार रक्खा लेकिन वो अस्ल में हैकमाई का फ़ैसला
ग़ज़ल ज़ुबां पेबेटी की ख़ैर, हँसी लब पे, रंग आँखों मेंएक दो माँगों के ही एवज़तुम्हारे प्यार ने मुझको सँवार रक्खा हैटाला भी कैसे जाए जमाई का फ़ैसला
मज़ा सफ़र में मिले और बची रहे सेहतराखी करेगी माँग किसी दिन कलाई सेटिफ़िन में खाने के साथ उसने प्यार रक्खा हैथोपा न जाय बहनों पे भाई का फ़ैसला
कुछेक लोग मुझे जां से ज़्यादा प्यारे हैंदहशत के मारे भाग गये दश्त की तरफतुम्हारा नाम उन्हीं में शुमार रक्खा हैलफ़्ज़ों ने सुन लिया था छपाई का फ़ैसला
अगर रुका तो कहीं ये थकान उठने लड़कर हमारे पुरखों को हासिल हुआ देकुछये सोच, चलना अभी बरक़रार रक्खा हैफिर कर रहे हैं हम क्यों लड़ाई का फ़ैसला
ज़रा-सा देख के अनमोल तुम बताओ मुझेएक रोज़ मिलेंगे ज़रूर दिलये मेरे नाम से क्या इश्तिहार रक्खा हैठीक तेरा हाथ मिलाई का फ़ैसला
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