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संवाद / कुमुद बंसल

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1वृक्षों से संवाद कितना सरल !बरसात की बूँदों धुला हर गरल ! खिड़की से हाथ बाहर निकालकर नारियल की टहनी से कहा- " मेरे पास आओ, अपना हाथ बढ़ाओ तुमसे बात करना चाहती हूँ ।" टहनी ने हाथ बढ़ाया। संवाद स्थापित हुआ।
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