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और कविता है हर एक के लिए रोटी की तरह
और मेरी नसें मुझमें ही ख़त्म नहीं हो जातींहमारा ख़ून एक सा है बहता है
उन सबमें जो जीवन के लिए लड़ते हैं,
लड़ते हैं प्यार,
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