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{{KKAarti|रचनाकार=KKDharmikRachna}}{{KKCatArti}}[[चित्र:Laxmi.jpg]]<poem> ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुम को निस दिन सेवत, मैयाजी को निस दिन सेवतहर विष्णु विधाता।ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता<br>रहती तहँ सब सद्गुण आता ओ मैया तुम ही शुभ दाता ।<br>सब सद्गुण आता।कर्म प्रभाव प्रकाशिनिसब संभव हो जाता, भव निधि की दाता<br>मन नहीं घबराताॐ जय लक्ष्मी माता ॥<br><br>माता॥