भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
शब्द-शब्द अनमोल परिंदे !
 
सुन्दर बोली बोल परिंदे !!
 
जीवन -जीवन भूलभुलैया -
 
दुनिया गोलम- गोल परिंदे !!
 
छोटा मुँह मत बात बड़ी कर -
 
खुल जायेगी पोल परिंदे !!
 
शीशे के घर में रहकर ना -
 
पत्थर -पत्थर तोल परिंदे !!
 
बन्दर के हाथों में मत दे -
 
झाल -मजीरा -ढोल परिंदे !!
 
कुछ मन की मर्यादा रख ले -
 
आंखों को मत घोल परिंदे !!
 
कुछ "प्रभात " के जैसा रच दे -
 
अंतर -पट अब खोल परिंदे !!