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Kavita Kosh से
शब्द-शब्द अनमोल परिंदे !
सुन्दर बोली बोल परिंदे !!
जीवन -जीवन भूलभुलैया -
दुनिया गोलम- गोल परिंदे !!
छोटा मुँह मत बात बड़ी कर -
खुल जायेगी पोल परिंदे !!
शीशे के घर में रहकर ना -
पत्थर -पत्थर तोल परिंदे !!
बन्दर के हाथों में मत दे -
झाल -मजीरा -ढोल परिंदे !!
कुछ मन की मर्यादा रख ले -
आंखों को मत घोल परिंदे !!
कुछ "प्रभात " के जैसा रच दे -
अंतर -पट अब खोल परिंदे !!