भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"खलीलुर्रहमान आज़मी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
* [[नश्शा-ए-मय के सिवा कितने नशे और भी हैं / खलीलुर्रहमान आज़मी]] | * [[नश्शा-ए-मय के सिवा कितने नशे और भी हैं / खलीलुर्रहमान आज़मी]] | ||
* [[तुझसे बिछड़ के दिल की सदा कू-ब-कू गई / खलीलुर्रहमान आज़मी]] | * [[तुझसे बिछड़ के दिल की सदा कू-ब-कू गई / खलीलुर्रहमान आज़मी]] | ||
− | * [[ | + | * [[तेरी सदा का है सदियों से इन्तेज़ार मुझे / खलीलुर्रहमान आज़मी]] |
* [[वो रंग-ए-रूख़ वो आतिश-ए-खूँ कौन ले गया / खलीलुर्रहमान आज़मी]] | * [[वो रंग-ए-रूख़ वो आतिश-ए-खूँ कौन ले गया / खलीलुर्रहमान आज़मी]] | ||
* [[कहूँ ये कैसे के जीने का हौसला देते / खलीलुर्रहमान आज़मी]] | * [[कहूँ ये कैसे के जीने का हौसला देते / खलीलुर्रहमान आज़मी]] |
09:17, 16 दिसम्बर 2010 का अवतरण
खलीलुर्रहमान आज़मी
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | |
---|---|
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
खलीलुर्रहमान आज़मी / परिचय |
<sort order="asc" class="ul">
- नश्शा-ए-मय के सिवा कितने नशे और भी हैं / खलीलुर्रहमान आज़मी
- तुझसे बिछड़ के दिल की सदा कू-ब-कू गई / खलीलुर्रहमान आज़मी
- तेरी सदा का है सदियों से इन्तेज़ार मुझे / खलीलुर्रहमान आज़मी
- वो रंग-ए-रूख़ वो आतिश-ए-खूँ कौन ले गया / खलीलुर्रहमान आज़मी
- कहूँ ये कैसे के जीने का हौसला देते / खलीलुर्रहमान आज़मी
- मैं देर से धूप में खड़ा हूँ / खलीलुर्रहमान आज़मी
- हवा के झोंके जो आएँ तो उनसे कुछ न कहो / खलीलुर्रहमान आज़मी
- हर-हर साँस नई ख़ुशबू की एक आहट सी पाता है / खलीलुर्रहमान आज़मी
</sort>