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"हांसता लोग / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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हांसता-हांसता
 
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अचाणचकै चुप क्यूं हो ज्यावै लोग
 
अचाणचकै चुप क्यूं हो ज्यावै लोग
 
घणी देर तांई
 
घणी देर तांई
इकलग क्यूं नीं सकै हांस ।
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जिकै नै देखण री
 
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नई हुवै वां मांय
 
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हिम्मत ।
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13:47, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

हांसता-हांसता
अचाणचकै चुप क्यूं हो ज्यावै लोग
घणी देर तांई
इकलग क्यूं नीं सकै हांस।

सोचूं:
स्यात हांसता-हांसता
दीख ज्यावै
वानै आपरौ ई चै‘रौ
जिकै नै देखण री
नई हुवै वां मांय
हिम्मत।