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|विविध=कृष्णकवि के पुत्र और कवि लक्ष्मीनाथ परमहंस के परमप्रिय शिष्य । 107 वर्ष की आयु तक जीवित रहे। मिथिला-नरेश लक्ष्मीश्वर सिंह के दरबारी कवि थे। रायबहादुर लक्ष्मीनारायण सिंह (पंचगछिया)के प्रथम गुरू माने जाते हैं। मृदंगाचार्य और योगी के रूप में भी बड़ी ख्याति थी।   
 
|विविध=कृष्णकवि के पुत्र और कवि लक्ष्मीनाथ परमहंस के परमप्रिय शिष्य । 107 वर्ष की आयु तक जीवित रहे। मिथिला-नरेश लक्ष्मीश्वर सिंह के दरबारी कवि थे। रायबहादुर लक्ष्मीनारायण सिंह (पंचगछिया)के प्रथम गुरू माने जाते हैं। मृदंगाचार्य और योगी के रूप में भी बड़ी ख्याति थी।   
 
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12:21, 19 मई 2014 का अवतरण

अचल कवि (अच्युतानंद)
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जन्म अठारहवीं शताब्दी
निधन
उपनाम
जन्म स्थान बिहार, भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
विविध
कृष्णकवि के पुत्र और कवि लक्ष्मीनाथ परमहंस के परमप्रिय शिष्य । 107 वर्ष की आयु तक जीवित रहे। मिथिला-नरेश लक्ष्मीश्वर सिंह के दरबारी कवि थे। रायबहादुर लक्ष्मीनारायण सिंह (पंचगछिया)के प्रथम गुरू माने जाते हैं। मृदंगाचार्य और योगी के रूप में भी बड़ी ख्याति थी।
जीवन परिचय
अचल कवि (अच्युतानंद) / परिचय
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