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"मुट्ठी भर उजियाळो / संजय आचार्य वरुण" के अवतरणों में अंतर

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मूंडै सूं कीं
 
मूंडै सूं कीं
 
कैवण सूं बत्तो हुवै
 
कैवण सूं बत्तो हुवै
 
असरदार
 
असरदार
म्हैं सीखग्यौ.
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म्हैं सीखग्यो।
म्हैं जाणग्यौ
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म्हैं जाणग्यो
के रात रै अन्धारै में
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कै रात रै अंधारै मांय
न्हायोङी धरती
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न्हायोड़ी धरती
जे चन्दरमा सूं मांग लेवै
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जे चंदरमा सूं मांग लेवै
मुट्ठी भर उजियाळौ
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मुट्ठी भर उजियाळो
तो चन्दरमा
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तो चंदरमा
मूंडो फ़ेर’र खिसक जावै
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मुंडो फेर’र खिसक जावै
 
अर घणी बार
 
अर घणी बार
बो चन्दरमा
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वो चंदरमा
 
दिन थकै आय धमकै
 
दिन थकै आय धमकै
धरती री छाती पर
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धरती री छाती माथै
अणमांवतौ
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अणमावतो
उजियाळौ ले’र</poem>
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उजियाळो लेय’र।</poem>

07:12, 14 मई 2014 के समय का अवतरण

निजरां सूं कीं कैवणो
मूंडै सूं कीं
कैवण सूं बत्तो हुवै
असरदार
म्हैं सीखग्यो।
म्हैं जाणग्यो
कै रात रै अंधारै मांय
न्हायोड़ी धरती
जे चंदरमा सूं मांग लेवै
मुट्ठी भर उजियाळो
तो चंदरमा
मुंडो फेर’र खिसक जावै
अर घणी बार
वो ई चंदरमा
दिन थकै आय धमकै
धरती री छाती माथै
अणमावतो
उजियाळो लेय’र।