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"हरा दस्ताना / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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शायद कभी गिरी थी बिजली इस पर
 
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या कोई अज्ञात बीमारी खा गई इसे
 
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भीतर ही भीतर, गल गया सारा शरीर
 
भीतर ही भीतर, गल गया सारा शरीर
 
 
रह गया कंकाल केवल ठूँठ
 
रह गया कंकाल केवल ठूँठ
 
 
जीवन से बहिष्कृत सड़क किनारे
 
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किन्तु आज मैं पहचान नहीं पाया
 
किन्तु आज मैं पहचान नहीं पाया
 
 
क्षण भर को हो गया दिशाभ्रम--
 
क्षण भर को हो गया दिशाभ्रम--
 
 
ठीक ठूँठ के आकार में लगी थी वहाँ
 
ठीक ठूँठ के आकार में लगी थी वहाँ
 
 
ल त्त रों की नि या न सा इ न
 
ल त्त रों की नि या न सा इ न
 
 
दूर से धधकती
 
दूर से धधकती
 
 
पूरा का पूरा लत्तरों से लदा था वह ठूँठ
 
पूरा का पूरा लत्तरों से लदा था वह ठूँठ
 
  
 
पहली लत्तर ने एक दिन मुँह उठाकर
 
पहली लत्तर ने एक दिन मुँह उठाकर
 
 
लिया होगा मन, कुछ दूर बढ़ी होगी ऊपर
 
लिया होगा मन, कुछ दूर बढ़ी होगी ऊपर
 
 
फिर तो लत्तरों का रेवड़ पूरा
 
फिर तो लत्तरों का रेवड़ पूरा
 
 
चढ़ा दनदनाते
 
चढ़ा दनदनाते
 
 
और ठीक जैसे दस्ताना ढँक ले हथेली
 
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वैसे ही ढाँप लिया ठूँठ वृक्ष को
 
वैसे ही ढाँप लिया ठूँठ वृक्ष को
 
  
 
अब तो वह ठूँठ हरा दस्ताना था
 
अब तो वह ठूँठ हरा दस्ताना था
 
 
ज़ीरो माइल पर रास्ता बताता ।
 
ज़ीरो माइल पर रास्ता बताता ।
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13:40, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

शायद कभी गिरी थी बिजली इस पर
या कोई अज्ञात बीमारी खा गई इसे
भीतर ही भीतर, गल गया सारा शरीर
रह गया कंकाल केवल ठूँठ
जीवन से बहिष्कृत सड़क किनारे

किन्तु आज मैं पहचान नहीं पाया
क्षण भर को हो गया दिशाभ्रम--
ठीक ठूँठ के आकार में लगी थी वहाँ
ल त्त रों की नि या न सा इ न
दूर से धधकती
पूरा का पूरा लत्तरों से लदा था वह ठूँठ

पहली लत्तर ने एक दिन मुँह उठाकर
लिया होगा मन, कुछ दूर बढ़ी होगी ऊपर
फिर तो लत्तरों का रेवड़ पूरा
चढ़ा दनदनाते
और ठीक जैसे दस्ताना ढँक ले हथेली
वैसे ही ढाँप लिया ठूँठ वृक्ष को

अब तो वह ठूँठ हरा दस्ताना था
ज़ीरो माइल पर रास्ता बताता ।