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"मेध मुक्ता (कविता का अंश) / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल" के अवतरणों में अंतर
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16:47, 5 मार्च 2011 के समय का अवतरण
मेध मुक्ता (कविता का अंश)
मैं मर जाऊंगा पर मेरे जीवन का आनन्द नहीं,
झर जायेंगें कुसुम पत्र तरू, पर मधु प्राण बसन्त नही ं
सच है धन -तम में खो जाते, सोत सुनहले दिन के
पर प्राची से झरने वाली आशा का तो अंत नहीं
/////////////////
जिस आशा से बीज धरा में छिप कर मिटता रहता।
(मेध मुक्ता कविता का अंश पृष्ठ 47)