"सुझाई गयी कविताएं" के अवतरणों में अंतर
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− | कवि - अहमद फ़राज़ | + | बुझी नज़र तो करिश्मे भी रोज़ो शब के गये<br> |
− | बुझी नज़र तो करिश्मे भी रोज़ो शब के गये | + | के अब तलक नही पलटे हैं लोग कब के गये//<br> |
− | करेगा कौन तेरी बेवफ़ाइयों का गिला | + | करेगा कौन तेरी बेवफ़ाइयों का गिला <br> |
− | मगर किसी ने हमे हमसफ़र नही जाना | + | यही है रस्मे ज़माना तो हम भी अब के गये //<br> |
− | अब आये हो तो यहाँ क्या है देखने के लिये | + | मगर किसी ने हमे हमसफ़र नही जाना <br> |
− | गिरफ़्ता दिल थे मगर हौसला नही हारा | + | ये और बात के हम साथ साथ सब के गये //<br> |
− | तुम अपनी शम्ऐ-तमन्ना को रो रहे हो "फ़राज़" | + | अब आये हो तो यहाँ क्या है देखने के लिये <br> |
− | --- --- प्रेषक - संजीव द्विवेदी ------ | + | ये शहर कब से है वीरां वो लोग कब के गये //<br> |
+ | गिरफ़्ता दिल थे मगर हौसला नही हारा <br> | ||
+ | गिरफ़्ता दिल हैं मगर हौसले भी अब के गये //<br> | ||
+ | तुम अपनी शम्ऐ-तमन्ना को रो रहे हो "फ़राज़" <br> | ||
+ | इन आँधियों मे तो प्यारे चिराग सब के गये//<br> | ||
+ | --- --- प्रेषक - संजीव द्विवेदी ------<br> | ||
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23:11, 26 अगस्त 2007 का अवतरण
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स्वर्ण रश्मि नैनों के द्वारे
सो गये हैं अब सारे तारे
चाँद ने भी ली विदाई
देखो एक नयी सुबह है आई.
मचलते पंछी पंख फैलाते
ठंडे हवा के झोंके आते
नयी किरण की नयी परछाई
देखो एक नयी सुबह है आई.
कहीं ईश्वर के भजन हैं होते
लोग इबादत में मगन हैं होते
खुल रही हैं अँखियाँ अल्साई
देखो एक नयी सुबह है आई.
मोहक लगती फैली हरियाली
होकर चंचल और मतवाली
कैसे कुदरत लेती अंगड़ाई
देखो एक नयी सुबह है आई.
फिर आबाद हैं सूनी गलियाँ
खिल उठी हैं नूतन कलियाँ
फूलों ने है ख़ुश्बू बिखराई
देखो एक नयी सुबह है आई.
आनंद गुप्ता
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कवि - अहमद फ़राज़ /
बुझी नज़र तो करिश्मे भी रोज़ो शब के गये
के अब तलक नही पलटे हैं लोग कब के गये//
करेगा कौन तेरी बेवफ़ाइयों का गिला
यही है रस्मे ज़माना तो हम भी अब के गये //
मगर किसी ने हमे हमसफ़र नही जाना
ये और बात के हम साथ साथ सब के गये //
अब आये हो तो यहाँ क्या है देखने के लिये
ये शहर कब से है वीरां वो लोग कब के गये //
गिरफ़्ता दिल थे मगर हौसला नही हारा
गिरफ़्ता दिल हैं मगर हौसले भी अब के गये //
तुम अपनी शम्ऐ-तमन्ना को रो रहे हो "फ़राज़"
इन आँधियों मे तो प्यारे चिराग सब के गये//
--- --- प्रेषक - संजीव द्विवेदी ------
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