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12:03, 5 फ़रवरी 2009 का अवतरण
यह वो समय है जब
कट चुकी है फसल
और नया बोने का दिन नहीं
खेत पड़े हैं उघारे
अन्यमनस्क है मिट्टी सहसा धूप में पड़ कर -
हर थोड़ी दूर पर मेंड़ों की छाँह-
चमकती हैं कटी खूँटियाँ
दूर पर चरती भेड़ों के रेवड़
और मूसकोल
और चींटियों के बिल के बाहर मिट्टी चूर
यह वो समय है जब
शेष हो चुका है पुराना
और नया आने को शेष है