भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"इच्छा / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) छो |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=चैती / त्रिलोचन | |संग्रह=चैती / त्रिलोचन | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatKavita}} | |
+ | <poem> | ||
सर दर्द क्या है | सर दर्द क्या है | ||
− | |||
मुझे इच्छा थी | मुझे इच्छा थी | ||
− | |||
तुम्हारे इन हाथों का स्पर्श | तुम्हारे इन हाथों का स्पर्श | ||
− | |||
कुछ और मिले | कुछ और मिले | ||
− | |||
और | और | ||
− | |||
इन आँखों के | इन आँखों के | ||
− | |||
करुण प्रकाश में | करुण प्रकाश में | ||
− | |||
नहाता रहूँ | नहाता रहूँ | ||
− | |||
और | और | ||
− | |||
साँसों की अधीरता भी | साँसों की अधीरता भी | ||
− | |||
कानों सुनूँ | कानों सुनूँ | ||
− | |||
बिल्कुल यही इच्छा थी | बिल्कुल यही इच्छा थी | ||
− | + | सर दर्द क्या है। | |
− | सर दर्द क्या | + | </poem> |
04:56, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
सर दर्द क्या है
मुझे इच्छा थी
तुम्हारे इन हाथों का स्पर्श
कुछ और मिले
और
इन आँखों के
करुण प्रकाश में
नहाता रहूँ
और
साँसों की अधीरता भी
कानों सुनूँ
बिल्कुल यही इच्छा थी
सर दर्द क्या है।