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"नाम लिखूंला / राजेन्द्र स्वर्णकार" के अवतरणों में अंतर
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म्हारै मन री सैंग विगत म्हैं | म्हारै मन री सैंग विगत म्हैं |
11:36, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
पैलां थां'रो नाम लिखूंला
ओजूं मुळक' सिलाम लिखूंला
म्हारै मन री सैंग विगत म्हैं
काळजियै नैं थाम' लिखूंला
रूं-रूं नस-नस थां'री ओळ्यूं
मोत्यां-मूंगै दाम लिखूंला
थां'रो तन मदिरालय लिखसूं
मन नैं तीरथधाम लिखूंला
छेकड़ दो ओळ्यां मांडूंला
ख़ास ज़रूरी काम लिखूंला
लिखसूं थां'नैं भोळी राधा
ख़ुद नैं छळियो श्याम लिखूंला
नीं स्रिष्टी में लाधै राजिंद
प्रीत इस्यी सरनाम लिखूंला