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"विपर्याय / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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मैं ने कब कहा था
 
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कविता की साँस मेरी साँस है
 
कविता की साँस मेरी साँस है
 
 
जानता हूँ मेरी साँस टूटेगी
 
जानता हूँ मेरी साँस टूटेगी
 
 
और यह दुनिया
 
और यह दुनिया
 
 
जिसे दिन रात चाहता हूँ
 
जिसे दिन रात चाहता हूँ
 
 
एक दिन छूटेगी
 
एक दिन छूटेगी
 
  
 
मैं ने कब कहा था
 
मैं ने कब कहा था
 
 
कविता की चाल मेरी चाल है
 
कविता की चाल मेरी चाल है
 
 
जानता हूँ मेरी चाल रुकेगी
 
जानता हूँ मेरी चाल रुकेगी
 
 
और यह राह
 
और यह राह
 
 
जिसे दिन रात देखता हूँ
 
जिसे दिन रात देखता हूँ
 
 
एक दिन चुकेगी
 
एक दिन चुकेगी
 
  
 
मैं ने कब कहा था
 
मैं ने कब कहा था
 
 
कविता की प्यास मेरी प्यास है
 
कविता की प्यास मेरी प्यास है
 
 
जानता हूँ मेरी प्यास तड़पेगी
 
जानता हूँ मेरी प्यास तड़पेगी
 
 
और यह तड़प
 
और यह तड़प
 
 
जिसे दिन रात जानता हूँ
 
जिसे दिन रात जानता हूँ
 
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और और भड़केगी
और और भड़केगी .
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05:28, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

मैं ने कब कहा था
कविता की साँस मेरी साँस है
जानता हूँ मेरी साँस टूटेगी
और यह दुनिया
जिसे दिन रात चाहता हूँ
एक दिन छूटेगी

मैं ने कब कहा था
कविता की चाल मेरी चाल है
जानता हूँ मेरी चाल रुकेगी
और यह राह
जिसे दिन रात देखता हूँ
एक दिन चुकेगी

मैं ने कब कहा था
कविता की प्यास मेरी प्यास है
जानता हूँ मेरी प्यास तड़पेगी
और यह तड़प
जिसे दिन रात जानता हूँ
और और भड़केगी ।