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"सुनो चारुशिला / नरेश सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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एक रंग और एक रंग मिलकर एक ही रंग होता है | एक रंग और एक रंग मिलकर एक ही रंग होता है | ||
एक बादल और एक बादल मिलकर एक ही बादल होता है | एक बादल और एक बादल मिलकर एक ही बादल होता है | ||
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क्या कोई बता सकता है | क्या कोई बता सकता है | ||
कि तुम्हारे बिन मेरी एक वसंत ऋतु | कि तुम्हारे बिन मेरी एक वसंत ऋतु | ||
− | कितने फूलों से बन सकती है | + | कितने फूलों से बन सकती है? |
और अगर तुम हो तो क्या मैं बना नहीं सकता | और अगर तुम हो तो क्या मैं बना नहीं सकता | ||
− | एक तारे से अपना आकाश | + | एक तारे से अपना आकाश? |
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17:57, 6 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण
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01 फ़रवरी 2011 को दिवंगत पत्नी विजय के लिए
तुम अपनी दो आँखों से देखती हो एक दृश्य
दो हाथों से करती हो एक काम
दो पाँवों से
दो रास्तों पर नहीं एक ही पर चलती हो
सुनो चारुशिला!
एक रंग और एक रंग मिलकर एक ही रंग होता है
एक बादल और एक बादल मिलकर एक ही बादल होता है
एक नदी और एक नदी मिलकर एक ही नदी होती है
नदी नहीं होंगे हम
बादल नहीं होंगे हम
रंग नहीं होंगे तो फिर क्या होंगे
अच्छा ज़रा सोचकर बताओ
कि एक मैं और तुम मिलकर कितने हुए
क्या कोई बता सकता है
कि तुम्हारे बिन मेरी एक वसंत ऋतु
कितने फूलों से बन सकती है?
और अगर तुम हो तो क्या मैं बना नहीं सकता
एक तारे से अपना आकाश?