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"निकालें दिल से डर मुश्किल बहुत है / अशोक आलोक" के अवतरणों में अंतर
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बहारें लौटकर आए किसी दिन | बहारें लौटकर आए किसी दिन | ||
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किसी भी हाल में बेदाग़ रहना | किसी भी हाल में बेदाग़ रहना |
13:57, 5 जून 2011 का अवतरण
निकाले दिल से डर मुश्किल बहुत है
करे पूरा सफ़र मुश्किल बहुत है।
बहारें लौटकर आए किसी दिन
उदासी में गुज़र मुश्किल बहुत है।
किसी भी हाल में बेदाग़ रहना
किसी में ये हुनर मुश्किल बहुत है।
न जाने क्या हुआ है इस जहां को
खुला हो कोई दर मुश्किल बहुत है।
भले ही पास है मंज़िल हमारी
इसे छू लूं मगर मुश्किल बहुत है।