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− | + | नीके कै जानत राम हियो हौं | | |
− | + | प्रनतपाल, सेवक-कृपालु-चित, पितु पटतरहि दियो हौं || | |
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− | + | त्रिजगजोनि-गत गीध, जनम भरि खाइ कुजन्तु जियो हौं | | |
− | + | महाराज सुकृती-समाज सब-ऊपर आजु कियो हौं || | |
− | + | श्रवन बचन, मुख नाम, रुप चख, राम उछङ्ग लियो हौं | | |
− | + | तुलसी मो समान बड़भागी को कहि सकै बियो हौं || | |
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17:27, 5 जून 2011 के समय का अवतरण
(14)
नीके कै जानत राम हियो हौं |
प्रनतपाल, सेवक-कृपालु-चित, पितु पटतरहि दियो हौं ||
त्रिजगजोनि-गत गीध, जनम भरि खाइ कुजन्तु जियो हौं |
महाराज सुकृती-समाज सब-ऊपर आजु कियो हौं ||
श्रवन बचन, मुख नाम, रुप चख, राम उछङ्ग लियो हौं |
तुलसी मो समान बड़भागी को कहि सकै बियो हौं ||