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"जहाँ है दिल ने पुकारा, वहीं जाना होगा / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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यहाँ गुलाब की रंगत का मोल कुछ भी नहीं  
 
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कलेजा चीर के काँटे पे दिखाना होगा
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कलेजा चीरके काँटे पे दिखाना होगा
 
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01:51, 7 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


जहाँ है दिल ने पुकारा, वहीं जाना होगा
उन्हें भुलाना तो खुद को ही भुलाना होगा

चले तो बाग़ से जाते हो मगर याद रहे
जुही में फूल जो आयेंगे तो आना होगा

तुम्हीं जो रूठ गए, गायें भी तो क्या गायें!
हमारा गीत भी रोने का बहाना होगा

हमारा जान से जाना भी उनको खेल हुआ
मचल रहे हैं इसे फिर से दिखाना होगा

हमें तो प्यार में मिलने से रहा चैन कभी
नहीं जो तुम हुए दुश्मन तो ज़माना होगा

यहाँ गुलाब की रंगत का मोल कुछ भी नहीं
कलेजा चीरके काँटे पे दिखाना होगा