गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
लोहा और आदमी / विमलेश त्रिपाठी
12 bytes added
,
05:30, 11 नवम्बर 2011
तलवार में बन्दूक में सुई में
और छेनी-हथौड़े में भी
उसी से कुछ लोग लड़ते हैं भूख से
भूखे लोगों के
खिलापफ
ख़िलाफ़
खूनी
ख़ूनी
लड़ाइयाँ भी उसी से लड़ी जाती हैंकई बार
पफर्क
फ़र्क़
करना मुश्किल होता हैलोहे और आदमी
में।
में ।
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits