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"केवल / समीर बरन नन्दी" के अवतरणों में अंतर

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प्रेम में मगन रहना चाहता हूँ
 
प्रेम में मगन रहना चाहता हूँ
फिर भी चिथड़ा ही रहता हू
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नव जलद के सर पर हाथ फेर कर
 
नव जलद के सर पर हाथ फेर कर

04:59, 1 जनवरी 2012 के समय का अवतरण

प्रेम में मगन रहना चाहता हूँ
फिर भी चिथड़ा ही रहता हूँ ।

नव जलद के सर पर हाथ फेर कर
प्यास मिटाता हूँ ।

उग नहीं रही आत्मा की
मिट्टी में कोई फ़सल

केवल टूटी हुई सुई
ढूँढ़ता रहता हूँ ।