भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मेरे सात जनम / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
| पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
| − | |रचनाकार= रामेश्वर काम्बोज | + | |रचनाकार= रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' |
}} | }} | ||
{{KKPustak | {{KKPustak | ||
| − | |चित्र= | + | |चित्र=meresatjanam.jpg |
| − | |नाम= मेरे सात जनम | + | |नाम= मेरे सात जनम |
| − | |रचनाकार=[[ रामेश्वर काम्बोज | + | |रचनाकार= [[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']] |
| − | |प्रकाशक= अयन प्रकाशन 1/ 20 महरौली नई | + | |प्रकाशक=अयन प्रकाशन, 1/20 महरौली , ,नई दिल्ली–110030 |
|वर्ष=2011 | |वर्ष=2011 | ||
|भाषा=हिन्दी | |भाषा=हिन्दी | ||
| − | |विषय= हाइकु कविताएँ | + | |विषय=हाइकु कविताएँ |
|शैली=[[हाइकु]] | |शैली=[[हाइकु]] | ||
|पृष्ठ= 128 | |पृष्ठ= 128 | ||
| − | |ISBN=978-81-7408- | + | |ISBN=978-81-7408-522-1 |
|विविध=मूल्य(सजिल्द) :160 | |विविध=मूल्य(सजिल्द) :160 | ||
}} | }} | ||
| + | |||
| + | * '''[[मेरे सात जनम (हाइकु-संग्रह) / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'| मेरे सात जनम | ||
| + | में रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' की रचनाएँ ]]''' | ||
| + | * [[व्याकुल गाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
| + | * [[फैली मुस्कान-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
| + | * [[काँपती देह -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
| + | * [[प्यार का कर्ज़-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
| + | * [[उठी थी पीर-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
| + | * [[इस जग में -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
| + | * [[सिहरा ताल-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
| + | * [[शीतल छाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
| + | * [[निर्मोही जग -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
15:50, 30 अप्रैल 2012 का अवतरण
मेरे सात जनम
| रचनाकार | रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' |
|---|---|
| प्रकाशक | अयन प्रकाशन, 1/20 महरौली , ,नई दिल्ली–110030 |
| वर्ष | 2011 |
| भाषा | हिन्दी |
| विषय | हाइकु कविताएँ |
| विधा | हाइकु |
| पृष्ठ | 128 |
| ISBN | 978-81-7408-522-1 |
| विविध | मूल्य(सजिल्द) :160 |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- मेरे सात जनम में रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' की रचनाएँ
- व्याकुल गाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- फैली मुस्कान-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- काँपती देह -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्यार का कर्ज़-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उठी थी पीर-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- इस जग में -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- सिहरा ताल-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- शीतल छाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- निर्मोही जग -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
