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बलात्कार पीड़िता का
भविष्य क्या है
कुलच्छनी, कमीनी
कुलटा है जी
हम मां माँ बेटी वाले लोग हैं
समाज में इज़्ज़त है
अड़ोसी ने पड़ोसी से कहा
तीसरी मंजिल से
छलांग लगा दी
मां-बाप जीते जी मर - गए
अपराधी भयमुक्त
नील गगन में खुले
अंधेरे से, दुष्टों से
लाओ सवेरा
गली-गली । गली।
</Poem>
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