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"राति-द्यौस कटक सजे / घनानंद" के अवतरणों में अंतर
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− | राति -द्यौस कटक सचे ही रहे, दहै दुख | + | राति-द्यौस कटक सचे ही रहे, दहै दुख |
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लियो घेरि औचक अकेली कै बिचारो जीव, | लियो घेरि औचक अकेली कै बिचारो जीव, | ||
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कछु न बसाति यों उपाव बलहारे की . | कछु न बसाति यों उपाव बलहारे की . | ||
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जान प्यारे, लागौ न गुहार तौ जुहार करि, | जान प्यारे, लागौ न गुहार तौ जुहार करि, | ||
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जूझ कै निकसि टेक गहै पनधारे की . | जूझ कै निकसि टेक गहै पनधारे की . | ||
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हेत-खेत धूरि चूर चूर ह्वै मिलैगी,तब | हेत-खेत धूरि चूर चूर ह्वै मिलैगी,तब | ||
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चलैंगी कहानी ‘घनआनन्द’ तिहारे की | चलैंगी कहानी ‘घनआनन्द’ तिहारे की | ||
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19:26, 29 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
राति-द्यौस कटक सचे ही रहे, दहै दुख
कहा कहौं गति या वियोग बजमर की .
लियो घेरि औचक अकेली कै बिचारो जीव,
कछु न बसाति यों उपाव बलहारे की .
जान प्यारे, लागौ न गुहार तौ जुहार करि,
जूझ कै निकसि टेक गहै पनधारे की .
हेत-खेत धूरि चूर चूर ह्वै मिलैगी,तब
चलैंगी कहानी ‘घनआनन्द’ तिहारे की