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"चंचल न हूजै नाथ / केशवदास" के अवतरणों में अंतर
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छल के निवास ऐसे वचन विलास सुनि, | छल के निवास ऐसे वचन विलास सुनि, | ||
सौंगुनो सुरत हू तें स्याम सुख पुओ जू . | सौंगुनो सुरत हू तें स्याम सुख पुओ जू . | ||
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11:17, 15 जनवरी 2015 के समय का अवतरण
चंचल न हूजै नाथ, अंचल न खैंची हाथ ,
सोवै नेक सारिकाऊ, सुकतौ सोवायो जू .
मंद करौ दीप दुति चन्द्रमुख देखियत ,
दारिकै दुराय आऊँ द्वार तौ दिखायो जू .
मृगज मराल बाल बाहिरै बिडारि देउं,
भायो तुम्हैं केशव सो मोहूँमन भायो जू .
छल के निवास ऐसे वचन विलास सुनि,
सौंगुनो सुरत हू तें स्याम सुख पुओ जू .