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"संघर्ष नहीं रुकता / संगीता गुप्ता" के अवतरणों में अंतर

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होता रहे - विध्वंस  
 
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जलती रहे - आस्थएं  
 
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धधकता रहे - विष्वास
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पिघलते रहे - सपने  
 
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खोती रहें - उम्मीदें  
 
खोती रहें - उम्मीदें  

13:15, 12 सितम्बर 2012 के समय का अवतरण


चलता रहे
अन्दर
असमाप्त - रुदन
होता रहे - विध्वंस
जलती रहे - आस्थएं
धधकता रहे - विश्वास
पिघलते रहे - सपने
खोती रहें - उम्मीदें
चुकती रहें - ऊर्जा
मिटता रहे - उत्साह

रुकना नहीं है कुछ
चलनें दो सतत, अबाध, शाश्वत