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"बीड़ी फूँक फूँक(गीत) / राजकुमारी रश्मि" के अवतरणों में अंतर
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बीड़ी फूँक फूँक | बीड़ी फूँक फूँक | ||
दिन अपने | दिन अपने | ||
− | काटे | + | काटे रामभजन । |
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तीन माह से मिल वालों से | तीन माह से मिल वालों से | ||
− | वेतन नहीं मिला | + | वेतन नहीं मिला, |
− | कितने घर ऐसे हैं | + | कितने घर ऐसे हैं जिनमें |
− | चूल्हा नहीं जला | + | चूल्हा नहीं जला, |
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− | 'काम बन्द' की | + | रोज़ हुई हड़तालें, |
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− | चढ़े हुए | + | कैसे पाटे रामभजन । |
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लीडर की बातों मे आकर | लीडर की बातों मे आकर | ||
− | मारी पैर कुल्हाड़ी | + | मारी पैर कुल्हाड़ी, |
− | कई कई दिन | + | कई कई दिन उसे कहीं भी |
मिलती नहीं दिहाड़ी | मिलती नहीं दिहाड़ी | ||
दारू भी तो नहीं | दारू भी तो नहीं | ||
− | कहाँ | + | कहाँ दुख बाँटे रामभजन । |
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00:51, 26 अगस्त 2023 का अवतरण
बीड़ी फूँक फूँक
दिन अपने
काटे रामभजन ।
तीन माह से मिल वालों से
वेतन नहीं मिला,
कितने घर ऐसे हैं जिनमें
चूल्हा नहीं जला,
आश्वासन की बून्दें कब तक
चाटे रामभजन ।
'काम बन्द' की तख़्ती टाँगे
रोज़ हुई हड़तालें,
उस पर बढ़ती महँगाई ने
पतली कर दी दालें,
चढ़े हुए करज़े को
कैसे पाटे रामभजन ।
लीडर की बातों मे आकर
मारी पैर कुल्हाड़ी,
कई कई दिन उसे कहीं भी
मिलती नहीं दिहाड़ी
दारू भी तो नहीं
कहाँ दुख बाँटे रामभजन ।