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01:59, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
एक भयभीत ख़ुशी
चूम गई
लोगों के कुम्हलाए चेहरों को
वे समवेत चिल्लाए—
'सूरज भाई उठो
अपने घर चलो
देखो तुम्हारे बिना हमारी क्या दशा हो गई'
'हू डेयर्ड टु वेक मी अप फ़्रॉम माई ड्रीम ?'
सूरज ने खोल दीं अपनी रक्तिम आँखें
'लेट मी हैव वन ए०के०-42 राइफ़ल ऐट लीस्ट'
वह मुस्कराया
और आसमान पर चढ़ आया