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"ख़्वाब / पवन कुमार" के अवतरणों में अंतर
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08:39, 27 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
ख़्वाब शीशे के टुकड़े हैं
टूटते हैं तो
पलकें लहूलुहान हो जाती हैं
मैं इस डर से कभी
आँखों में ख़्वाब
नहीं
सजाता हूँ।