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"उषा की लाली / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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उषा की लाली में  
 
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अभी से गए निखर
 
अभी से गए निखर
हिमगिरि के कनक शिखर  
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हिमगिरि के कनक शिखर !
  
 
आगे बढ़ा शिशु रवि  
 
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डर था, प्रतिपल  
 
डर था, प्रतिपल  
 
अपरूप यह जादुई आभा  
 
अपरूप यह जादुई आभा  
जाए ना बिखर, जाए ना बिखर
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जाए ना बिखर, जाए ना बिखर...
  
 
उषा की लाली में  
 
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भले हो उठे थे निखर  
 
भले हो उठे थे निखर  
हिमगिरी के कनक शिखर
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हिमगिरि के कनक शिखर !
 
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21:53, 29 जून 2020 के समय का अवतरण

उषा की लाली में
अभी से गए निखर
हिमगिरि के कनक शिखर !

आगे बढ़ा शिशु रवि
बदली छवि, बदली छवि
देखता रह गया अपलक कवि
डर था, प्रतिपल
अपरूप यह जादुई आभा
जाए ना बिखर, जाए ना बिखर...

उषा की लाली में
भले हो उठे थे निखर
हिमगिरि के कनक शिखर !