"कुपंथी औलाद / रफ़ीक शादानी" के अवतरणों में अंतर
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तुम क्वारै भैया झूलि गयौ | तुम क्वारै भैया झूलि गयौ | ||
भट्ठी मा हबिस के बरे रहौ, | भट्ठी मा हबिस के बरे रहौ, | ||
+ | तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ, | ||
... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ||
तुमसे अच्छा रघुआ हरजन | तुमसे अच्छा रघुआ हरजन | ||
डिगरी पाइस आधा दर्जन | डिगरी पाइस आधा दर्जन | ||
अस्पताल मा होइगा सर्जन | अस्पताल मा होइगा सर्जन | ||
− | तू ऊ | + | तू ऊ छोकरे तरे रहौ, |
+ | तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ, | ||
... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ||
हम सोचा रहा अफसर बनिहौ | हम सोचा रहा अफसर बनिहौ | ||
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का पता रहा लोफर बनिहौ | का पता रहा लोफर बनिहौ | ||
अब जेब मा कट्टा धरे रहौ | अब जेब मा कट्टा धरे रहौ | ||
+ | तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ, | ||
... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ||
फैसन अस तुमपै छाइ गवा | फैसन अस तुमपै छाइ गवा | ||
पंक्ति 41: | पंक्ति 44: | ||
बर्बाद भविस कै फसल किहेउ | बर्बाद भविस कै फसल किहेउ | ||
अब बाप कै सब सुख हरे रहौ, | अब बाप कै सब सुख हरे रहौ, | ||
+ | तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ, | ||
... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ||
हम पुन्न किहा तू पाप किहेउ | हम पुन्न किहा तू पाप किहेउ | ||
पंक्ति 46: | पंक्ति 50: | ||
गुंडई मा कालिज टाप किहेउ | गुंडई मा कालिज टाप किहेउ | ||
जो मन मा आवै करे रहौ, | जो मन मा आवै करे रहौ, | ||
+ | तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ, | ||
... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ||
अइसन जौ बिगाड़े ढंग रहिहौ | अइसन जौ बिगाड़े ढंग रहिहौ | ||
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जेस रफीक हैं वैसन तंग रहिहौ | जेस रफीक हैं वैसन तंग रहिहौ | ||
पूलिस के नजर से टरे रहौ, | पूलिस के नजर से टरे रहौ, | ||
+ | तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ, | ||
... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ... चाहे खटिया पै परे रहौ। | ||
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17:37, 23 मार्च 2014 के समय का अवतरण
औरन के कहे मा हम आयेन
काया का अपने तरसायेन
कालिज मा भेजि के भरि पायेन
तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ,
चाहे खटिया पै परे रहौ।
हम सोचा रहा लिखि पढ़ि जइहौ
आकास मा एक दिन चढ़ि जइहौ
पुरखन से आगे बढ़ि जइहौ
अब घर कै खेती चरे रहौ,
... चाहे खटिया पै परे रहौ।
जबसे तू इस्कूल गयौ
तू फर्ज का अपने भूलि गयौ
तुम क्वारै भैया झूलि गयौ
भट्ठी मा हबिस के बरे रहौ,
तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ,
... चाहे खटिया पै परे रहौ।
तुमसे अच्छा रघुआ हरजन
डिगरी पाइस आधा दर्जन
अस्पताल मा होइगा सर्जन
तू ऊ छोकरे तरे रहौ,
तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ,
... चाहे खटिया पै परे रहौ।
हम सोचा रहा अफसर बनिहौ
या देसभक्त लीडर बनिहौ
का पता रहा लोफर बनिहौ
अब जेब मा कट्टा धरे रहौ
तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ,
... चाहे खटिया पै परे रहौ।
फैसन अस तुमपै छाइ गवा
यक राही धोखा खाइ गवा
हिजड़े का पसीना आइ गवा
जीते जी भैया मरे रहौ,
... चाहे खटिया पै परे रहौ।
हर बुरे काम पै अमल किहेउ
कुछ पढ़ेउ न खाली नकल किहेउ
बर्बाद भविस कै फसल किहेउ
अब बाप कै सब सुख हरे रहौ,
तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ,
... चाहे खटिया पै परे रहौ।
हम पुन्न किहा तू पाप किहेउ
हम भजन तू फिल्मी जाप किहेउ
गुंडई मा कालिज टाप किहेउ
जो मन मा आवै करे रहौ,
तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ,
... चाहे खटिया पै परे रहौ।
अइसन जौ बिगाड़े ढंग रहिहौ
बेहूदन के जौ संग रहिहौ
जेस रफीक हैं वैसन तंग रहिहौ
पूलिस के नजर से टरे रहौ,
तू पढ़ै से अच्छा घरे रहौ,
... चाहे खटिया पै परे रहौ।