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"कविता का आकाश / विपिन चौधरी" के अवतरणों में अंतर
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14:28, 22 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
धरती पर झड़ें हुए
उदासी के पीले फूल
और ख़ुशी के सलमे-सितारे लेकर
मुलायम हरी अमरबेल के सहारे
होते हुए कुछ शब्द
ऊपर चढ़ने में सफल हो सके
देखते ही देखते
कविता का आसमान नीला हो गया