भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ईसुरी की फाग-14 / बुन्देली" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
					
										
					
					अनिल जनविजय  (चर्चा | योगदान)  (New page: {{KKGlobal}} {{ KKLokRachna |रचनाकार=ईसुरी }}  इन पै लगे कुलरियाँ घालन, भैया मानस पालन  इन्ह...)  | 
				|||
| पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}}  | {{KKGlobal}}  | ||
| − | {{  | + | {{KKLokRachna  | 
| − | KKLokRachna  | + | |रचनाकार=अज्ञात  | 
| − | |रचनाकार=  | + | }}  | 
| + | {{KKLokGeetBhaashaSoochi  | ||
| + | |भाषा=बुन्देली  | ||
}}  | }}  | ||
18:26, 13 जुलाई 2008 के समय का अवतरण
   ♦   रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
 - अवधी लोकगीत
 - कन्नौजी लोकगीत
 - कश्मीरी लोकगीत
 - कोरकू लोकगीत
 - कुमाँऊनी लोकगीत
 - खड़ी बोली लोकगीत
 - गढ़वाली लोकगीत
 - गुजराती लोकगीत
 - गोंड लोकगीत
 - छत्तीसगढ़ी लोकगीत
 - निमाड़ी लोकगीत
 - पंजाबी लोकगीत
 - पँवारी लोकगीत
 - बघेली लोकगीत
 - बाँगरू लोकगीत
 - बांग्ला लोकगीत
 - बुन्देली लोकगीत
 - बैगा लोकगीत
 - ब्रजभाषा लोकगीत
 - भदावरी लोकगीत
 - भील लोकगीत
 - भोजपुरी लोकगीत
 - मगही लोकगीत
 - मराठी लोकगीत
 - माड़िया लोकगीत
 - मालवी लोकगीत
 - मैथिली लोकगीत
 - राजस्थानी लोकगीत
 - संथाली लोकगीत
 - संस्कृत लोकगीत
 - हरियाणवी लोकगीत
 - हिन्दी लोकगीत
 - हिमाचली लोकगीत
 
इन पै लगे कुलरियाँ घालन, भैया मानस पालन
इन्हें काटबो न चइयत तौ, काट देत जो कालन
ऎसे रूख भूँख के लानें, लगवा दये नंद लालन
जे कर देत नई सी ईसुर, मरी मराई खालन ।
	
	