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"हाँगाहाँगा वनभरि चैत फुलेछ / हरिभक्त कटुवाल" के अवतरणों में अंतर
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− | हाँगाहाँगा | + | हाँगाहाँगा वनभरी चैत फुलेछ |
− | + | थाह नपाई मनभित्र बैँस फुलेछ। | |
− | कताकता कसैलाई भेटेभेटे | + | |
− | + | कताकता कसैलाई भेटेभेटे झैँ | |
− | + | सङ्ग्लो पानी पिई तिर्खा मेटेमेटे झैँ | |
− | + | को हो को हो दुई आँखामा आई डुलेछ | |
− | एक जोडी आँखा | + | थाह नपाई मनभित्र प्रीत फुलेछ। |
− | एउटा माला फूल टिपी | + | |
+ | एक जोडी आँखा सधैँ हाँसूँ हाँसूँ झैँ | ||
+ | एउटा माला फूल टिपी गाँसूँ गाँसूँ झैँ | ||
कसोकसो बिहानीको निद खुलेछ | कसोकसो बिहानीको निद खुलेछ | ||
− | + | थाह नपाई मनभित्र प्रीत फुलेछ। | |
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21:24, 2 सितम्बर 2023 के समय का अवतरण
हाँगाहाँगा वनभरी चैत फुलेछ
थाह नपाई मनभित्र बैँस फुलेछ।
कताकता कसैलाई भेटेभेटे झैँ
सङ्ग्लो पानी पिई तिर्खा मेटेमेटे झैँ
को हो को हो दुई आँखामा आई डुलेछ
थाह नपाई मनभित्र प्रीत फुलेछ।
एक जोडी आँखा सधैँ हाँसूँ हाँसूँ झैँ
एउटा माला फूल टिपी गाँसूँ गाँसूँ झैँ
कसोकसो बिहानीको निद खुलेछ
थाह नपाई मनभित्र प्रीत फुलेछ।