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"धूवाँको जङ्गल / ईश्वरवल्लभ" के अवतरणों में अंतर
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22:08, 2 जून 2017 का अवतरण
माथि आकास हेर्नु छ
क्षितिज छुनु छ
एक जनालाई फूलको थुँगा दिनु छ
नजिकमा कोही छ कि छैन!
यदि छ भने उसलाई बोलाउनु छ
फेरि एउटा लहर र लस्कर बनाएर पर पुग्नु छ
साँझको रक्तिम कलिलो घाम
सायद कतै हराएछ
बिहानको सखार पनि देखिएन
ओरालो पनि छैन
कता गए ती बस्तीहरू?
कता गए ती आफन्तहरू?
यही धूँवाको जङ्गलमा सबैलाई खोज्नु छ।