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"आँखा छोपी नरोउ भनि / कालीप्रसाद रिजाल" के अवतरणों में अंतर
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− | आँखा छोपी | + | आँखा छोपी नरोऊ भनी भन्नु पर्या'छ |
− | मुटुमाथि | + | मुटुमाथि ढुङ्गा राखी हाँस्नु पर्या'छ |
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− | + | भोलि उठी कहाँ जाने केही थाहा छैन | |
− | वाचा छिटै | + | फर्किआउने हो कि होइन केही थाहा छैन |
− | मुटुमाथि | + | वाचा छिटै आउँछु भनी गर्नु पर्या'छ |
− | छातीभरि गाँउ- | + | मुटुमाथि ढुङ्गा राखी हाँस्नु पर्या'छ |
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+ | छातीभरि गाँउ-बेँसी पखेरीको छाया | ||
आखाँभरि मेलापात मायालुको माया | आखाँभरि मेलापात मायालुको माया | ||
− | + | आँफैलाई छाडी कतै जानु पर्या'छ | |
− | मुटुमाथि | + | मुटुमाथि ढुङ्गा राखी हाँस्नु पर्या'छ |
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भन्ने कुरा कति थियो छाती भित्रै रह्यो | भन्ने कुरा कति थियो छाती भित्रै रह्यो | ||
− | परेलीका ओठबाट | + | परेलीका ओठबाट आँसु झरी रह्यो |
− | + | कुल्चिएर आफैँलाई हिँड्नु पर्या'छ | |
− | + | मुटुमाथि ढुङ्गा राखी हाँस्नु पर्या'छ | |
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22:16, 7 मई 2020 के समय का अवतरण
आँखा छोपी नरोऊ भनी भन्नु पर्या'छ
मुटुमाथि ढुङ्गा राखी हाँस्नु पर्या'छ
भोलि उठी कहाँ जाने केही थाहा छैन
फर्किआउने हो कि होइन केही थाहा छैन
वाचा छिटै आउँछु भनी गर्नु पर्या'छ
मुटुमाथि ढुङ्गा राखी हाँस्नु पर्या'छ
छातीभरि गाँउ-बेँसी पखेरीको छाया
आखाँभरि मेलापात मायालुको माया
आँफैलाई छाडी कतै जानु पर्या'छ
मुटुमाथि ढुङ्गा राखी हाँस्नु पर्या'छ
भन्ने कुरा कति थियो छाती भित्रै रह्यो
परेलीका ओठबाट आँसु झरी रह्यो
कुल्चिएर आफैँलाई हिँड्नु पर्या'छ
मुटुमाथि ढुङ्गा राखी हाँस्नु पर्या'छ