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"ऐसा वर दो / त्रिलोक सिंह ठकुरेला" के अवतरणों में अंतर
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हम फूलों जैसे मुस्कायें, | हम फूलों जैसे मुस्कायें, | ||
सब पर प्रेम सुगंध लुटायें, | सब पर प्रेम सुगंध लुटायें, | ||
− | हम परहित कर | + | हम परहित कर खुशी मनायें, |
ऐसे भाव हृदय में भर दो। | ऐसे भाव हृदय में भर दो। | ||
भगवन् हमको ऐसा वर दो॥ | भगवन् हमको ऐसा वर दो॥ | ||
दीपक बनें, लड़े हम तम से, | दीपक बनें, लड़े हम तम से, | ||
− | ज्योर्तिमय | + | ज्योर्तिमय हो यह जग हम से, |
कभी न हम घबरायें गम से, | कभी न हम घबरायें गम से, | ||
तन मन सबल हमारे कर दो। | तन मन सबल हमारे कर दो। |
10:24, 20 मार्च 2015 के समय का अवतरण
भगवन् हमको ऐसा वर दो।
जग के सारे सद्गुण भर दो॥
हम फूलों जैसे मुस्कायें,
सब पर प्रेम सुगंध लुटायें,
हम परहित कर खुशी मनायें,
ऐसे भाव हृदय में भर दो।
भगवन् हमको ऐसा वर दो॥
दीपक बनें, लड़े हम तम से,
ज्योर्तिमय हो यह जग हम से,
कभी न हम घबरायें गम से,
तन मन सबल हमारे कर दो।
भगवन्, हमको ऐसा वर दो॥
सत्य मार्ग पर बढ़ते जायें,
सबको हीं सन्मार्ग दिखायें,
सब मिलकर जीवन फल पायें,
ऐसे ज्ञान, बुद्धि से भर दो।
भगवन, हमको ऐसा वर दो॥