भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"रंगवाले देर क्या है / भजन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKBhaktiKavya |रचनाकार= }} रंगवाले देर क्या है मेरा चोला रंग दे ।<br> और सारे रंग धो क...) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {{ | + | {{KKGlobal}} |
+ | {{KKBhajan | ||
|रचनाकार= | |रचनाकार= | ||
}} | }} | ||
− | |||
रंगवाले देर क्या है मेरा चोला रंग दे ।<br> | रंगवाले देर क्या है मेरा चोला रंग दे ।<br> | ||
और सारे रंग धो कर रंग अपना रंग दे ॥<br><br> | और सारे रंग धो कर रंग अपना रंग दे ॥<br><br> |
20:21, 17 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण
रंगवाले देर क्या है मेरा चोला रंग दे ।
और सारे रंग धो कर रंग अपना रंग दे ॥
कितने ही रंगो से मैने आज तक है रंगा इसे ।
पर वो सारे फीके निकले तू ही गाढ़ा रंग दे ॥
तूने रंगे हैं ज़मीं और आसमां जिस रंग से ।
बस उसी रंग से तू आख़्हिर मेरा चोला रंग दे ॥
मैं तो जानूंगा तभी तेरी ये रंगन्दाज़ियां ।
जितना धोऊं उतना चमके अब तो ऐसा रंग दे ॥