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"शांताकारम भुजंगशयनम / श्लोक" के अवतरणों में अंतर

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इति वदति तुलसीदास शङ्कर शेष मुनि मनरञ्जनम् .
 
इति वदति तुलसीदास शङ्कर शेष मुनि मनरञ्जनम् .
 
मम हृदयकञ्ज निवास कुरु कामादिखलदलमञ्जनम् .. ५..
 
मम हृदयकञ्ज निवास कुरु कामादिखलदलमञ्जनम् .. ५..
 
man chahi raaj milahi saubar sahaj sundar savro ..
 
 
karuna nidhan sujaan slu snehi janhi ravro..
 
 
ahi bhaati gauri ashish suni shih sahit hiy  harshit ali
 
tulsi bhavani ya punj puni puni mudit man mandir chali...
 
 
Shantakaram bhujagsyanam padmanabham suresham
 
vishwadharam gagan sradhisham yogibhidhistaragayam
 
vande vishnu bhav bhay haram sarva lokik natham
 

19:38, 29 मार्च 2008 का अवतरण

श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् . नवकञ्ज लोचन कञ्ज मुखकर कञ्जपद कञ्जारुणम् .. १..

कंदर्प अगणित अमित छबि नव नील नीरज सुन्दरम् . पटपीत मानहुं तड़ित रुचि सुचि नौमि जनक सुतावरम् .. २..

भजु दीन बन्धु दिनेश दानव दैत्यवंशनिकन्दनम् . रघुनन्द आनंदकंद कोशल चन्द दशरथ नन्दनम् .. ३..

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणम् . आजानुभुज सर चापधर सङ्ग्राम जित खरदूषणम् .. ४..

इति वदति तुलसीदास शङ्कर शेष मुनि मनरञ्जनम् . मम हृदयकञ्ज निवास कुरु कामादिखलदलमञ्जनम् .. ५..