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"पायो जी मैंने राम रतन धन पायो / भजन" के अवतरणों में अंतर

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पायो जी मैने राम रतन धन पायो
 
पायो जी मैने राम रतन धन पायो
 
  
 
वस्तु अमोलिक दी मेरे सत्गुरु  
 
वस्तु अमोलिक दी मेरे सत्गुरु  
 
 
किरपा  कर अपनायो  - पायो जी मैने  
 
किरपा  कर अपनायो  - पायो जी मैने  
 
 
  
 
जनम जनम की पुंजी पायी  
 
जनम जनम की पुंजी पायी  
 
 
जग मे साखोवायो - पायो जी मैने  
 
जग मे साखोवायो - पायो जी मैने  
 
  
 
खर्चे ने खूटे चोर न लूटे  
 
खर्चे ने खूटे चोर न लूटे  
 
 
दिन दिन बढत सवायो -पायो जी मैने  
 
दिन दिन बढत सवायो -पायो जी मैने  
 
 
  
 
सत कि नाव केवाटिया  सत्गुरु  
 
सत कि नाव केवाटिया  सत्गुरु  
 
 
भवसागर तर्वायो - पायो जी मैने
 
भवसागर तर्वायो - पायो जी मैने
 
 
  
 
मीरा के प्रभु गिरधर नागर  
 
मीरा के प्रभु गिरधर नागर  
 
 
हर्ष हर्ष जस गायो - पायो  जी मैने
 
हर्ष हर्ष जस गायो - पायो  जी मैने
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20:12, 17 अप्रैल 2009 का अवतरण

पायो जी मैने राम रतन धन पायो

वस्तु अमोलिक दी मेरे सत्गुरु
किरपा कर अपनायो - पायो जी मैने

जनम जनम की पुंजी पायी
जग मे साखोवायो - पायो जी मैने

खर्चे ने खूटे चोर न लूटे
दिन दिन बढत सवायो -पायो जी मैने

सत कि नाव केवाटिया सत्गुरु
भवसागर तर्वायो - पायो जी मैने

मीरा के प्रभु गिरधर नागर
हर्ष हर्ष जस गायो - पायो जी मैने