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"पहाड़ / शरद बिल्लौरे" के अवतरणों में अंतर

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पहाड़,  
 
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तुम ही तुम हो।
 
तुम ही तुम हो।
 
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10:02, 15 मई 2016 के समय का अवतरण

आगे देखता हूँ,
पीछे देखता हूँ।

दाएँ देखता हूँ,
बांएँ देखता हूँ।

ऊपर देखता हूँ,
नीचे देखता हूँ।

तुम ही तुम हो,

पहाड़,
तुम ही तुम हो।