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"माय / सकलदेव शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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हमरोॅ अंतस में बैठलोॅ  
 
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जस के तस आइयो  
 
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सांस ले रहलोॅ छै द्य
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देह नै छै तेॅ कि
 
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बिना देह के  
 
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उ हमारा मेॅ जिंदा छै द्य
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जा तक हम्मे जिंदा छियै  
 
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हमरोॅ संग हमरोॅ  
 
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माइयो जिंदा रहतै द्य
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जन्मौती के  पैहिने
 
जन्मौती के  पैहिने

08:16, 14 जून 2016 का अवतरण

माय तेॅ माय छेकै
हमरोॅ अंतस में बैठलोॅ
जस के तस आइयो
सांस ले रहलोॅ छै |

देह नै छै तेॅ कि
बिना देह के
उ हमारा मेॅ जिंदा छै |

जा तक हम्मे जिंदा छियै
हमरोॅ संग हमरोॅ
माइयो जिंदा रहतै |

जन्मौती के पैहिने
हम्मे रहियै
माय के अंतस या
ओकरोॅ सांस-सांस मेॅ !

आबे तेॅ माइये छै हमरोॅ
सांस-सांस आ अंतस मेॅ
तोहीं कहोॅ हमारा बिना -
माय केना रहतै
या माय के बिना
हममे केना रहबै ?