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बनी म्हारी आवे रे बनी मुस्काती आवे रे
 
बनी म्हारी आवे रे बनी मुस्काती आवे रे
  

18:02, 13 जुलाई 2008 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बनी म्हारी आवे रे बनी मुस्काती आवे रे

के झीणे घूँघट में दीखे है मुखडो सोवनों रे


म्हारी ऐ मंगेतर काजळ वाळी

सुरमे वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं

सुरमे वाळो रे नवाब जोड़ी रो जवाब नहीं

जवाब नही जवाब नही

सुरमे वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं


म्हारी ऐ मंगेतर नथणी वाळी

मुंछो वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं

जवाब नहीं जवाब नहीं

मुंछो वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं


म्हारी ऐ मंगेतर कुरती वाळी

चोळे वालो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं

जवाब नहीं जवाब नहीं

चोळे वालो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं


म्हारी ऐ मंगेतर चुडियों वाळी

घड़ियों वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं

जवाब नहीं रे जवाब नहीं

घड़ियों वाळो रे नवाब जोड़ी रो जवाब नही


म्हारी ऐ मंगेतर लहेंगे वाळी

धोती वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नही

जवाब नहीं जवाब नहीं

धोती वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं


म्हारी ऐ मंगेतर नखरेवाळी

गुस्से वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं

जवाब नहीं के जवाब नहीं

गुस्से वाळो रे नवाब के जोड़ी रो जवाब नहीं