भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कहाँ छै / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर' |अनुवादक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
{{KKCatGhazal}} | {{KKCatGhazal}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | बोलोॅ उगलोॅ साँझ कहाँ | + | बोलोॅ उगलोॅ साँझ कहाँ छै। |
गाँधी-खूदीराम कहाँ छै। | गाँधी-खूदीराम कहाँ छै। | ||
00:18, 16 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
बोलोॅ उगलोॅ साँझ कहाँ छै।
गाँधी-खूदीराम कहाँ छै।
साठ साल के आजादी मे
झलकै सचका काम कहाँ छै।
आसाराम जेल मे पड़लोॅ
लेकिन तोता राम कहाँ छै।
फूल-पान सं सजलोॅ-धजलोॅ
हमरोॅ गंगाधाम कहाँ छै।
पैसा पर पानी तक बिक्कै
लेकिन खून के दाम कहाँ छै।