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"तुम्हें मेरी कसम / नीता पोरवाल" के अवतरणों में अंतर
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− | + | न बरसा करो | |
− | + | तुम्हें मेरी कसम! | |
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− | + | मेरी अपनी पंखुरियाँ | |
− | + | मुझसे अलग हो | |
− | + | कर जाती हैं | |
− | + | अकेला रहने को | |
+ | विवश मुझे | ||
+ | माना कि हो तप्त | ||
+ | देखता हूँ तुम्हारी राह एकटक | ||
+ | गिना करता हूँ एक एक पल | ||
+ | तुम्हारी आमद का | ||
− | + | पर सच कहता हूँ | |
− | + | नहीं उत्कंठा | |
− | पर | + | तुम्हारे असीमित |
+ | वेगमय प्रवाह की | ||
− | + | पर्याप्त हैं कुछ बूँदें | |
− | + | हाँ कुछ बूँदें | |
− | + | मुझमे मेरे होने के | |
− | + | अहसास के लिए | |
− | + | क्यों कि तुम्हारे बिन | |
− | कि | + | मै "मै" कहाँ |
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− | + | सो ऐ बाबरी | |
− | + | नेह भरी बदरिया! | |
− | + | बरसा तो करो | |
− | + | पर तनिक आहिस्ते से | |
− | + | तुम्हे मेरी कसम | |
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03:00, 22 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
झम्म से
बरस जाती हो
न बरसा करो
तुम्हें मेरी कसम!
मेरी अपनी पंखुरियाँ
मुझसे अलग हो
कर जाती हैं
अकेला रहने को
विवश मुझे
माना कि हो तप्त
देखता हूँ तुम्हारी राह एकटक
गिना करता हूँ एक एक पल
तुम्हारी आमद का
पर सच कहता हूँ
नहीं उत्कंठा
तुम्हारे असीमित
वेगमय प्रवाह की
पर्याप्त हैं कुछ बूँदें
हाँ कुछ बूँदें
मुझमे मेरे होने के
अहसास के लिए
क्यों कि तुम्हारे बिन
मै "मै" कहाँ
सो ऐ बाबरी
नेह भरी बदरिया!
बरसा तो करो
पर तनिक आहिस्ते से
तुम्हे मेरी कसम